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चार महीने में तीसरी बार लोकायुक्त की कार्रवाई, रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे

सिवनी: जिले में चार महीनों में तीसरी बार लोकायुक्त की कार्रवाई हुई है। शुक्रवार को जबलपुर लोकायुक्त टीम ने आपूर्ति विभाग के कार्यालय के बाहर 40,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के ड्राइवर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

पिछले मामलों की कड़ी

🔹 12 नवंबर 2024: सहायक आबकारी अधिकारी पवन कुमार झारिया को 3.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया था।
🔹 21 सितंबर 2024: सहायक मत्स्य अधिकारी मुकुंद राव बंसोडकर 20,000 रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए।

रिश्वतखोरी के मामले बढ़ते जा रहे

भले ही कई अधिकारियों को सजा मिल रही है, लेकिन रिश्वतखोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
जुलाई 2024: पटवारी दीपक गेडाम को 8,000 रुपये रिश्वत लेने के आरोप में चार साल की जेल और 5,000 रुपये का जुर्माना लगा था।
दिसंबर 2023: बीज निगम कार्यालय के बीज प्रमाणीकरण अधिकारी तृष्णा चौहान 20,000 रुपये की रिश्वत लेते पकड़ी गई थीं।
मार्च 2023: विद्युत विभाग के जेई जगदीश परिहार को 10,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था।
जुलाई 2022: पंचायत समन्वयक सुमेर सिंह उइके 15,000 रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गए थे।

भ्रष्टाचार पर लगाम कब लगेगी?

लोकायुक्त की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। कई मामलों में दोषियों को सजा मिल रही है, फिर भी रिश्वतखोरी जारी है। यह सवाल बना हुआ है कि कब तक आम जनता भ्रष्टाचार से परेशान रहेगी?

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