पत्रिका महिला सुरक्षा अभियान के तहत महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। पद्मश्री फुलबासन यादव ने महिलाओं को संदेश दिया कि अगर वे प्रताड़ना सहेंगी, तो अन्याय बढ़ेगा। इसलिए चुप्पी तोड़ें और अन्याय का विरोध करें।
गांवों में महिलाएं जागरूकता के अभाव में शोषित होती हैं
शहरों में पढ़ी-लिखी महिलाएं प्रताड़ना के खिलाफ कानूनी मदद लेती हैं और अपना हक मांगती हैं, लेकिन गांवों में जानकारी के अभाव में महिलाएं शोषण सहती रहती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पत्रिका ने महिला रक्षा कवच अभियान शुरू किया, जो अब आदिवासी इलाकों तक पहुंच चुका है।
गांव-गांव जागरूकता अभियान
मोहला ब्लॉक के बांधाटोला गांव में कार्यशाला आयोजित की गई, जहां पद्मश्री फुलबासन यादव ने ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है तो वे चुप न बैठें, बल्कि खुलकर विरोध करें। इस दौरान महिलाओं ने पोस्टर लेकर रैली भी निकाली।
महिला सुरक्षा के लिए सरकार तक पहुंचाएंगे बात
फुलबासन यादव ने कहा कि गांवों में महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि जिला स्तर पर महिला सुरक्षा कमेटी बनाई जाए, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। इसके लिए वे विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को पत्र सौंपेंगी।
महिलाओं को क्या करना चाहिए?
✔ दहेज प्रताड़ना हो रही है तो सामाजिक स्तर पर बात करें और पुलिस के महिला प्रकोष्ठ में शिकायत करें।
✔ सखी सेंटर जाएं और अपनी समस्या खुलकर बताएं।
✔ पत्रिका हेल्पलाइन नंबर का उपयोग करें और अपने अधिकारों की जानकारी के लिए अखबार पढ़ें।
शराब के कारण बढ़ रही घरेलू हिंसा
फुलबासन यादव ने बताया कि गांवों में कई महिलाएं अपने परिवार के लिए मेहनत-मजदूरी करती हैं, लेकिन उनके पति शराब पीकर उन्हें मारते-पीटते हैं। यह समस्या गंभीर होती जा रही है। रोज-रोज की प्रताड़ना को सहना सही नहीं है, क्योंकि इससे अपराध बढ़ता है।
महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ना होगा
फुलबासन यादव ने कहा कि अगर महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएंगी, तो समाज में बदलाव आएगा। इसलिए सहन करना छोड़ें और अन्याय के खिलाफ खड़ी हों।