13 दिन पहले खोली थी नई दुकान, अब राख में तब्दील
पाली के प्रवीण परिहारिया और हेमावास के दलपत गहलोत की दुकानें पूरी तरह जल गईं। 13 फरवरी को उन्होंने नई दुकान खोली थी, जिसमें 7 हजार साड़ियों का स्टॉक था, जो पूरी तरह खत्म हो गया।
व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ीं
- लक्ष्मणराम पंवार की दो दुकानें पूरी तरह जल गईं, लेकिन प्रशासन से कोई जवाब नहीं मिल रहा और अंदर जाने भी नहीं दिया जा रहा।
- 150 से 200 दुकानें पाली और जोधपुर के व्यापारियों की थीं, जिनमें से कई राख में तब्दील हो गईं।
- सोजत के तीन भाई (कानाराम, हेमाराम और ओमप्रकाश भाटी) की 8 दुकानें जलकर खाक हो गईं।
सालों की मेहनत खत्म
1990 से सूरत में व्यापार कर रहे भाटी परिवार का कहना है कि उनकी पूरी जीवनभर की कमाई खत्म हो गई। आग की वजह से व्यापारियों का भविष्य अधर में लटक गया है और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करें।