अस्पताल का होगा विस्तार
उपजिला अस्पताल के लिए करीब 8 बीघा भूमि की जरूरत थी, जो मौजूदा अस्पताल परिसर में उपलब्ध है। इस अपग्रेडेशन से इलाके के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
अस्पताल की स्थिति और विकास
- स्थापना: 6 फरवरी 1971, तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया द्वारा
- शुरुआत में बैड: 30
- वर्ष 2002: बढ़कर 50 बैड
- 2021 में बैड की संख्या: 75
- अब: उपजिला अस्पताल में क्रमोन्नत
अब अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और आधुनिक जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
डॉक्टर और स्टाफ की स्थिति
- वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टर – 2
- कनिष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टर – 10
- वरिष्ठ चिकित्साधिकारी – 2
- चिकित्साधिकारी – 7
- डेंटल चिकित्साधिकारी – 1
- नर्सिंग स्टाफ – 44
- फार्मासिस्ट – 3
- रेडियोग्राफर – 4
- लैब टेक्नीशियन – 5
- डेंटल टेक्नीशियन – 1
- ईसीजी टेक्नीशियन – 1
- नेत्र सहायक – 2
- अन्य सहायक व सफाई कर्मचारी भी होंगे
ट्रोमा सेंटर को भी मिलेगा लाभ
अस्पताल के ट्रोमा सेंटर की सुविधाएं भी बढ़ेंगी। ट्रोमा सेंटर की स्थापना 2013 में नेशनल हाईवे पर हादसों में घायलों के इलाज के लिए की गई थी। अब इसमें भी अधिक स्टाफ और संसाधन जोड़े जाएंगे।
सरकार और नेताओं का आभार
सीएचसी को उपजिला अस्पताल में बदले जाने पर भाजपा कार्यकर्ताओं और युवाओं ने सरकार और पूर्व विधायक रामप्रताप कासनियां का आभार जताया।
स्वास्थ्य सेवाओं का होगा विस्तार
बीसीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा और अस्पताल को आवश्यक भूमि मिलते ही नए निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे।
इस अपग्रेडेशन से सूरतगढ़ और आसपास के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी और मरीजों को इलाज के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।