इंदौर 8वीं बार भी स्वच्छता में नंबर वन बनने की कोशिश कर रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम इन दिनों मध्यप्रदेश के कई शहरों का दौरा कर रही है, जिसमें इंदौर और भोपाल भी शामिल हैं। जल्द ही स्वच्छता रैंकिंग के नतीजे आएंगे और इंदौर को उम्मीद है कि यह फिर से पहला स्थान बनाए रखेगा।
मामले जहां कचरा फेंकने पर हुई चालानी कार्रवाई
मामला 1: ऑनलाइन पैकेट से मिली पहचान
राजेंद्र नगर के पास रेतीमंडी इलाके में एक युवक ने ऑनलाइन पैकेट में कचरा भरकर फेंक दिया। जब नगर निगम की टीम वहां पहुंची, तो उन्हें कचरे में एक पैकेट मिला, जिससे युवक का नाम और पता पता चल गया। इसके बाद टीम ने युवक के घर जाकर उसे समझाया और 500 रुपये का चालान काट दिया।
मामला 2: रात को कचरा फेंका, सुबह चालान मिला
विजय नगर इलाके के रहने वाले सुंधाशु नाम के युवक ने ऑनलाइन शॉपिंग का कचरा रात में बिजनेस पार्क के पास फेंक दिया। नगर निगम की टीम ने नाम और पता ट्रेस करके युवक को फोन किया और उसे घर के बाहर बुलाया। उसे समझाया गया कि कचरा सिर्फ नगर निगम की गाड़ी में ही फेंके। मकान मालिक ने भी युवक को चेतावनी दी कि दोबारा ऐसा करने पर कमरा खाली करना पड़ेगा। आखिर में युवक पर चालान कर दिया गया।
मामला 3: जागरूक नागरिक की पहल
इंदौर में सिर्फ सफाईकर्मी ही नहीं, बल्कि आम लोग भी सफाई के लिए जागरूक हैं। एक पॉश इलाके में संतोष (परिवर्तित नाम) नामक व्यक्ति ने सड़क किनारे काले प्लास्टिक में कचरा भरकर फेंक दिया। पास में रहने वाले युवक ने उसे टोका कि कचरा डस्टबिन या नगर निगम की गाड़ी में डालना चाहिए। जब संतोष बहस करने लगा, तो युवक ने उसकी फोटो खींचकर नगर निगम को भेज दी। इसके बाद टीम ने गाड़ी नंबर ट्रेस करके उस पर चालान कर दिया।
इंदौर की सफाई व्यवस्था का सख्त नियम
इंदौर नगर निगम सफाई को लेकर बेहद सतर्क है और खुले में कचरा फेंकने वालों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है। लोग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं, जिससे इंदौर लगातार स्वच्छता में नंबर वन बना हुआ है।