संविदा कर्मचारियों से रिपोर्ट बनवाना सही या गलत?
FSL ने डीएनए खंड के सहायक निदेशक के 8 पद और जैविक एवं सीरम खंड के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के 25 पदों के लिए संविदा भर्ती की घोषणा की है। इन कर्मचारियों को जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, बीकानेर, कोटा और अजमेर की प्रयोगशालाओं में काम करने का मौका मिलेगा।
हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि संविदा कर्मचारियों से रिपोर्ट तैयार करवाना अवैध और असंवैधानिक है। उनका कहना है कि इससे रिपोर्ट की गुणवत्ता और गोपनीयता पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, जब किसी केस में रिपोर्टिंग ऑफिसर की जरूरत होगी, तब संविदा अवधि खत्म होने के कारण परेशानी हो सकती है।
रिपोर्टिंग के लिए 7 साल का अनुभव जरूरी
FSL में रिपोर्टिंग अधिकारी बनने के लिए आमतौर पर 7 साल का अनुभव जरूरी होता है:
- सहायक निदेशक बनने के लिए 5 साल का फॉरेंसिक अनुभव
- वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के लिए 2 साल का अनुभव
लेकिन संविदा पर भर्ती किए गए कर्मचारियों को यह अनुभव नहीं होगा, जिससे रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
वैज्ञानिकों को शक- बैकडोर एंट्री की कोशिश?
कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि संविदा भर्ती से बैकडोर एंट्री की योजना बनाई जा रही है, ताकि ठेके पर रखे गए कर्मचारी स्वतंत्र रूप से काम न कर सकें और उन पर कोई सवाल न उठे।
एक साल के लिए संविदा भर्ती
FSL निदेशक डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने जल्द जांच रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। स्थायी भर्ती में समय लग सकता है, इसलिए अस्थायी रूप से एक साल के लिए संविदा भर्ती की गई है। जैसे ही स्थायी भर्ती होगी, संविदा प्रणाली बंद कर दी जाएगी।