अब तक 6 जिलों को जमीन नहीं मिली
राज्य सरकार ने नए जिलों के मुख्यालयों के लिए भूमि आवंटन की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक 6 जिलों में मुख्यालय की जमीन तय नहीं हुई। बालोतरा और डीडवाना-कुचामन जैसे जिलों में प्रशासनिक कार्य अब भी पुराने जिलों से ही संचालित हो रहे हैं।
नए जिलों की मौजूदा स्थिति
1. ब्यावर
✅ मुख्यालय को जमीन नहीं मिली, कलक्ट्रेट उपखंड मुख्यालय में संचालित।
✅ एसपी कार्यालय शहर से 10 किमी दूर किराए के भवन में।
✅ सीएमएचओ अस्पताल के खाली भवन में कार्यरत।
2. फलौदी
✅ 400 बीघा भूमि आवंटित, मिनी सचिवालय के लिए 1.25 करोड़ रुपए मंजूर।
✅ जिला आईडी न बनने के कारण आंकड़े पुराने जिलों से ही मिल रहे।
3. खैरथल-तिजारा
✅ नगर परिषद बोर्ड की बैठक न होने से जमीन आवंटन अटका।
✅ कलक्ट्रेट मंडी समिति परिसर में, एसपी कार्यालय किराए के भवन में।
✅ अधिकांश विभागों में स्टाफ व संसाधनों की कमी।
4. कोटपूतली-बहरोड़
✅ मुख्यालय के लिए 200 बीघा जमीन तय, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं।
✅ केवल जिला परिवहन कार्यालय का निर्माण जारी।
✅ ज्यादातर विभागों के पोर्टल अपडेट नहीं हुए, कार्य पुराने जिलों से ही हो रहे।
5. बालोतरा
✅ जिला मुख्यालय के लिए भूमि आवंटन नहीं हुआ।
✅ कलक्ट्रेट स्कूल भवन में संचालित।
✅ जिला परिषद और रोजगार कार्यालय अब भी बाड़मेर पर निर्भर।
6. डीग
✅ मुख्यालय के लिए भूमि आवंटन का इंतजार।
✅ कई विभागों में अधिकारियों की कमी।
✅ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जिला अस्पताल में क्रमोन्नत करने की योजना।
7. डीडवाना-कुचामन
✅ 18 विभागों के कार्यालय स्वीकृत, लेकिन मिनी सचिवालय को मंजूरी नहीं।
✅ पंचायती राज कार्यों और अन्य प्रशासनिक जरूरतों के लिए अब भी नागौर पर निर्भरता।
8. सलूम्बर
✅ मुख्यालय के लिए भूमि आवंटन प्रस्ताव राज्य सरकार के पास लंबित।
✅ कलक्ट्रेट फिलहाल कॉलेज छात्रावास में संचालित।
✅ अधिकांश जिला कार्यालयों के लिए स्थाई भवन उपलब्ध नहीं।
अब आगे क्या?
सरकार द्वारा नए जिलों को मंजूरी तो दे दी गई, लेकिन बुनियादी सुविधाओं और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की कमी के कारण आम लोगों को परेशानी हो रही है। सरकार को जल्द से जल्द भूमि आवंटन और प्रशासनिक कार्यालयों की स्थाई व्यवस्था करने की जरूरत है। 🚨