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दिल्ली-मेरठ के बाद अब अलवर-पानीपत सफर होगा आसान, नोएडा में नया मेट्रो रूट

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का विस्तार तेजी से हो रहा है। दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर का काम जून 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर का काम भी रफ्तार पकड़ेगा।

दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर को जल्द मिलेगी मंजूरी

एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने बताया कि दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) का अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस साल इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही तेज होगा काम

दिल्ली के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान ने इस प्रोजेक्ट को पहले ही मंजूरी दे दी है। दिल्ली की मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य तेजी से शुरू कर दिया जाएगा।

दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर लगभग पूरा

  • 82 किमी के दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर में 55 किमी ट्रैक पहले ही चालू हो चुका है।
  • शेष 27 किमी का काम जून 2025 तक पूरा हो जाएगा।
  • इस रूट पर हर दिन 40,000 से 41,000 यात्री सफर कर रहे हैं।
  • जब तीनों कॉरिडोर पूरे होंगे तो 8 लाख यात्री प्रतिदिन यात्रा कर सकेंगे।

दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर की योजना

  • दिल्ली-अलवर कॉरिडोर:

    • कुल 199 किमी लंबा होगा।
    • पहले चरण में 107 किमी का ट्रैक बनाया जाएगा।
    • कुल 22 स्टेशन होंगे।
    • लागत 37,000 करोड़ रुपये।
    • यह कॉरिडोर साइबर सिटी, इफ्को चौक, राजीव चौक और NH-48 से होकर गुजरेगा।
  • दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर:

    • कुल 17 स्टेशन होंगे।
    • लागत 21,600 करोड़ रुपये।
    • यह सोनीपत, गन्नौर और समालखा होते हुए पानीपत को दिल्ली से जोड़ेगा।

रैपिड रेल की खासियत

  • रैपिड रेल 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।
  • ट्रैक 180 किमी प्रति घंटे की क्षमता से तैयार किया जाएगा।
  • पहले चरण में 16 स्टेशन होंगे, जिनमें से 5 अंडरग्राउंड और 11 एलिवेटेड होंगे।

नोएडा में नया मेट्रो रूट

नोएडा में सेक्टर-142 से बॉटेनिकल गार्डन तक एक नई मेट्रो लाइन बनाने की योजना है।

  • इस मेट्रो लाइन के टोपोग्राफी सर्वे का टेंडर जारी कर दिया गया है।
  • यह रूट सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक चल रही एक्वा लाइन मेट्रो से जोड़ा जाएगा।

2028 तक पूरा होगा दिल्ली-अलवर-पानीपत कॉरिडोर

  • इस प्रोजेक्ट को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा।
  • 2028 तक यात्रियों को इस नए ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का फायदा मिलने लगेगा।
  • इससे दिल्ली और आसपास के शहरों में यात्रा आसान और तेज हो जाएगी।
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