एनईपी के तहत क्या बदलाव होंगे?
✔ अब परीक्षा सेमेस्टर सिस्टम में होगी।
✔ नए सिलेबस और कोर्स तैयार किए जा रहे हैं।
✔ खैरागढ़ विश्वविद्यालय में लगातार बैठकें हो रही हैं।
✔ संबद्ध कॉलेजों को इस बदलाव की जानकारी दे दी गई है।
पहले भी सेमेस्टर सिस्टम लागू हुआ था
पाँच साल पहले खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने यूटीडी में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया था, लेकिन प्रैक्टिकल और अन्य समस्याओं के कारण इसे बंद कर दिया गया था। अब सरकार ने दुर्ग संगीत महाविद्यालय को भी एनईपी के तहत लाने का फैसला लिया है।
क्या पढ़ाया जाएगा?
✔ बीपीए कोर्स में शास्त्रीय (हिंदुस्तानी) संगीत पढ़ाया जाता है।
✔ भरतनाट्यम और लोक संगीत की शिक्षा दी जाती है।
✔ हिंदी और अंग्रेजी को अनिवार्य विषय रखा गया है।
✔ खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने इस कोर्स के लिए नया सिलेबस तैयार किया है।
✔ संगीत सिखाने के लिए हार्मोनियम, सारंगी, मृदंगम और कर्नाटक शैली गायन के लिए संगतकार नियुक्त किए गए हैं।
अगले साल सीटें बढ़ेंगी
✔ इस साल बीपीए कोर्स की सभी सीटें फुल हो गई हैं।
✔ अगले साल दो नए कोर्स शुरू करने की योजना है।
✔ सीटों की संख्या बढ़ाकर 80 करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
✔ तंबूरा, तबला, हार्मोनियम जैसे वाद्ययंत्र खरीदने के लिए बजट प्रस्ताव भेजा गया है।
स्टाफ और पदों की स्थिति
पदनाम | संख्या |
---|---|
प्राचार्य | 1 |
सहायक प्राध्यापक | 5 |
संगतकार (शैक्षणिक) | 4 |
सहायक ग्रेड | 3 |
भृत्य | 2 |
बुक लिफ्टर | 1 |
स्वच्छक | 1 |
चौकीदार | 1 |
निष्कर्ष
दुर्ग संगीत महाविद्यालय में अगले सत्र से एनईपी के तहत सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके लिए नए सिलेबस तैयार किए जा रहे हैं, बैठकें चल रही हैं और संसाधनों को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। इससे छात्रों को संगीत की बेहतर और आधुनिक शिक्षा मिलेगी।