बैल से खेती करने वाले किसानों को मिलेगा फायदा
आज के समय में ट्रैक्टर और आधुनिक मशीनों का उपयोग बढ़ने से बैलों से खेतों की जुताई करना लगभग बंद हो गया है। इससे छोटे किसानों को ज्यादा खर्च उठाना पड़ता है और बैल पालन भी कम हो गया है। इस योजना से छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी और बैलों का संरक्षण भी होगा।
बैल संरक्षण के लिए योजना
पहले हर किसान के घर में बैलों की जोड़ी होती थी, लेकिन अब मशीनों के बढ़ते उपयोग से बैलों की संख्या घट गई है। ट्रैक्टर से जुताई करने में ज्यादा खर्च आता है, जबकि बैलों से खेती करने पर मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ती है। इस योजना से बैलों का संरक्षण होगा और गोपालन को भी बढ़ावा मिलेगा।
अब बछड़ों को नहीं छोड़ना पड़ेगा
कई किसान छोटे बछड़ों को अनुपयोगी मानकर छोड़ देते हैं, जिससे वे सड़कों पर घूमते रहते हैं। लेकिन इस योजना से वे बैल बनकर खेती में काम आ सकेंगे। इससे किसानों को राहत मिलेगी और पशुपालन को भी बढ़ावा मिलेगा।
किसानों की सूची मांगी गई
सरकार ने इस योजना के लिए बैल की जोड़ी रखने वाले किसानों की सूची मांगी है, ताकि योजना को सही तरीके से लागू किया जा सके।
– बी. डी. शर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग