शावक की उम्र सिर्फ आठ महीने थी
वन विभाग के अनुसार, बाघिन रिद्धि (टी-125), रणथंभौर की प्रसिद्ध बाघिन ऐरोहेड (टी-84) की संतान है। कुछ समय पहले बाघिन के मां बनने की खबर आई थी, लेकिन शावक दिखाई नहीं दिए थे। वन अधिकारियों ने बताया कि मृत शावक की उम्र केवल आठ महीने थी।
कहां रहता था बाघिन और शावकों का मूवमेंट?
बाघिन रिद्धि और उसके शावक आमतौर पर कुंडेरा रेंज के दूध बावड़ी और पदम लेह जैसे इलाकों में रहते थे। इससे पहले बाघिन का मूवमेंट रणथंभौर के जोन 3 और 4 में देखा गया था। कुछ समय के लिए उसने नॉन-पर्यटन क्षेत्र कुंडेरा रेंज में भी अपना ठिकाना बना लिया था।
वन अधिकारियों की राय
डॉ. राजीव गर्ग (पशु चिकित्सक, सवाई माधोपुर):
“रणथंभौर में शावक की मौत का मामला सामने आया है। मौत के सही कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा।”
अनूप के आर (सीसीएफ, रणथंभौर बाघ परियोजना):
“यह टेरिटोरियल फाइट (क्षेत्रीय लड़ाई) नहीं लगती। कई बार मादा बाघिन के पास मेल टाइगर का मूवमेंट रहता है। वन विभाग की टीम ने दो दिन पहले इस क्षेत्र में बाघ 2311 का मूवमेंट देखा था, जो नॉन-पर्यटन जोन का टाइगर है। इसलिए आशंका है कि इसी बाघ ने शावक पर हमला किया हो।”