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फिर गूंजेगी बैलों के घुंघरुओं की आवाज, सरकार की नई योजना से परंपरागत खेती को मिलेगा बढ़ावा

राजसमंद: सरकार की नई प्रोत्साहन योजना के तहत अब खेतों में एक बार फिर बैलों के घुंघरुओं की आवाज सुनाई देगी। इससे परंपरागत खेती को बढ़ावा मिलेगा और छोटे किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी।

🔹 किसानों को सालाना 30 हजार की मदद

राज्य सरकार ने बैलों से खेती करने वाले लघु एवं सीमांत किसानों को हर साल 30,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है।

  • इस योजना से गोवंश को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण के अनुकूल खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • सरकार गोबर गैस प्लांट लगाने के लिए भी सब्सिडी देगी, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

🔹 पंचायत स्तर पर तैयार हो रही किसानों की सूची

कृषि विभाग ने बैलों से खेती करने वाले किसानों की सूची पंचायतवार तैयार करने के निर्देश दिए हैं

  • सभी सहायक कृषि अधिकारियों से मार्च तक जानकारी मांगी गई है
  • इसके बाद प्रोत्साहन राशि के लिए किसानों का चयन किया जाएगा

🔹 बैलों से खेती के फायदे

  • भूमि की उर्वरता बनी रहती है, जिससे फसल अच्छी होती है।
  • ट्रैक्टर और आधुनिक उपकरणों की तुलना में कृषि की लागत कम होती है
  • छोटे किसानों को आर्थिक मजबूती मिलती है

🔹 किसानों को योजना की जानकारी दी गई

केलवाड़ा में रविवार को कृषि विभाग की बैठक हुई, जिसमें किसानों को इस योजना की जानकारी दी गई।

  • कृषि अधिकारी रितेंद्र कुमार देवत और मनीष कुमार शर्मा ने योजना के लाभों के बारे में बताया।
  • इस मौके पर भाजपा नेता प्रेमसुख शर्मा और कई स्थानीय किसान भी मौजूद थे।

🔹 कृषि अधिकारी का बयान

गणपत लोहार, कृषि अधिकारी, राजसमंद ने बताया कि इच्छुक किसानों की पंचायतवार सूची तैयार कराई जा रही है। चयनित किसानों को सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार लाभ दिया जाएगा

👉 इस योजना से किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी और परंपरागत खेती को दोबारा बढ़ावा मिलेगा।

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