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वित्तीय संकट से जूझ रहे राजस्थान के स्कूल, 328 करोड़ में से सिर्फ 75 करोड़ मिले

चित्तौड़गढ़: राजस्थान के स्कूलों को चलाने के लिए जरूरी बजट अब तक पूरा नहीं मिला है। वित्तीय वर्ष 2024-25 खत्म होने में सिर्फ 20 दिन बचे हैं, लेकिन स्कूलों को हर साल मिलने वाली कंपोजिट ग्रांट और संकुल संदर्भ केंद्रों के लिए सीआरसी राशि का सिर्फ 23% हिस्सा ही जारी किया गया है

बजट की मंजूरी तो होती है, लेकिन पैसा नहीं मिलता

शिक्षा विभाग जुलाई-अगस्त में सभी मदों के लिए बजट मंजूर कर देता है, लेकिन पैसे जारी करने की कोई तय समय सीमा नहीं होती। स्कूलों को कई गतिविधियां बिना पूरी राशि के ही करनी पड़ती हैं, और बाद में भुगतान किया जाता है।

कुछ समय पहले सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए जारी 2650 रुपये प्रति विद्यालय की राशि खर्च करने पर रोक लगा दी। हालांकि, कई स्कूलों ने जनवरी में ही यह राशि खर्च कर दी थी।

जरूरत से कम मिल रहा पैसा

  • राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने हर संकुल संदर्भ केंद्र को 80 हजार रुपये देने की मंजूरी दी थी, लेकिन अब तक सिर्फ 33,300 रुपये ही जारी किए गए हैं
  • सितंबर में प्रत्येक पीईईओ विद्यालय को सिर्फ 13,300 रुपये मिले, जबकि सरकार ने जुलाई-अगस्त में 15 हजार रुपये पौधरोपण पर खर्च करने का निर्देश दिया था।
  • फरवरी के आखिरी सप्ताह में 20 हजार रुपये और जारी किए गए, लेकिन यह बहुत कम है।

स्कूलों को मिलना था 246 करोड़, लेकिन सिर्फ 41 करोड़ मिले

राज्य के 51,772 प्राथमिक विद्यालयों के लिए 133 करोड़ और 17,418 माध्यमिक विद्यालयों के लिए 113 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। कुल 246 करोड़ में से अब तक सिर्फ 41 करोड़ रुपये ही स्कूलों को मिले हैं

वार्षिकोत्सव और करियर मेले की राशि भी रुकी

  • सरकार ने 25 जनवरी तक वार्षिकोत्सव आयोजित करवा लिया, लेकिन इसके लिए 10 हजार और 5 हजार रुपये की स्वीकृत राशि अब तक नहीं मिली
  • फरवरी में प्रदेशभर में करियर मेले करवा दिए गए, लेकिन 15 हजार रुपये प्रति स्कूल की राशि अब तक नहीं आई

जिला शिक्षा अधिकारी का बयान

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार दशोरा ने बताया कि जितना बजट मंजूर हुआ था, वह अब तक पूरा नहीं मिला है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई है और आगे बजट आने की उम्मीद है

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