आर्थिक तंगी से छुटकारा
ग्राम झालखहरिया की मीना विश्वकर्मा को फरवरी 2024 से हर महीने 1000 रुपये मिलना शुरू हुआ। इस राशि से उन्होंने सब्जी का कारोबार शुरू किया और अब उनकी आमदनी बढ़ गई है। मीना कहती हैं, “यह योजना मेरे लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है।”
पति की मृत्यु के बाद मिला सहारा
ग्राम बोरियाझर की भोजबाई मोंगरे को मार्च 2024 से योजना का लाभ मिलने लगा। उन्होंने 6 महीने की राशि जोड़कर एक छोटी सब्जी दुकान खोल ली। अब उनके पास स्थायी आय का साधन है, और वे खुद को आत्मनिर्भर महसूस कर रही हैं।
बच्चों की शिक्षा के लिए मदद
ग्राम पंचायत कौन्दकेरा की उषा साहू ने भी इस योजना से मिली सहायता राशि से सब्जी का पसरा लगाया। अब वे हर दिन 200 रुपये कमाती हैं, जिससे अपने बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च आसानी से चला रही हैं। उषा कहती हैं, “महतारी वंदन योजना ने मेरी जिंदगी को नई दिशा दी है। अब मैं आत्मनिर्भर हूं।”
इस योजना से कई महिलाएं अपने जीवन को बेहतर बना रही हैं और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं।