क्या था सवाल?
बाला बच्चन ने फूड एवं न्यूट्रीशियन सिक्योरिटी को लेकर सवाल पूछा था। उन्होंने जानना चाहा कि पिछले चार सालों में कितने जिलों में, कितने किसानों को 100 से 2000 रुपए तक की सहायता राशि दी गई है? इसके साथ ही उन्होंने हितग्राहियों के नाम, पता, राशि, बैंक का नाम जैसी पूरी जानकारी मांगी।
अधिकारियों को क्यों हुई परेशानी?
विधायक ने यह भी पूछा कि चार सालों में किसानों द्वारा प्रस्तुत किए गए बिलों की फोटोकॉपी विधानसभावार और जिलेवार उपलब्ध कराई जाए। चूंकि कई मामलों में भुगतान सीधे बैंक खाते में नहीं किया गया, इसलिए इसकी पूरी जानकारी मांगी गई।
इसका जवाब तैयार करने के लिए अधिकारियों को पौने दो लाख कागजों की फोटोकॉपी करानी पड़ी। यह दस्तावेज इतने ज्यादा थे कि उनका कुल वजन करीब 50 किलो हो गया, जिसे देखकर सभी हैरान रह गए।
सवाल ने मचाया हड़कंप
बजट सत्र के दौरान जब यह मामला सामने आया, तो अधिकारियों के पसीने छूट गए। सवाल का जवाब तैयार करने में बड़ा समय और मेहनत लगी। यह घटना विधानसभा में चर्चा का विषय बन गई और सबको यह जानकर हैरानी हुई कि एक सवाल का जवाब देने के लिए इतनी ज्यादा फाइलें तैयार करनी पड़ीं।