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जबलपुर में कचरे से बनेगी सीएनजी, गेल और ओएनजीसी से चर्चा जारी

शहर में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम कठौंदा में बायो सीएनजी प्लांट लगाने की योजना बना रहा है। यह प्लांट पीपीपी मोड (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) पर लगाया जाएगा, जिसके लिए गेल इंडिया और ओएनजीसी से बातचीत चल रही है। केंद्र सरकार पहले ही इस प्लांट की स्थापना को मंजूरी दे चुकी है।

नगर निगम की योजना

बायो सीएनजी प्लांट – कठौंदा में 200 टन क्षमता का प्लांट लगेगा।
सोलर एनर्जी प्लांट – झाबुआ, मुरैना जैसी जगहों पर प्लांट लगाने की योजना।
डीपीआर तैयार – सोलर प्लांट के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
ऊर्जा बचत लक्ष्य – करोड़ों रुपये के बिजली बिल की बचत होगी।

कचरे से सीएनजी बनाने की प्रक्रिया

♻️ बायो सीएनजी गैस कचरे से तैयार होगी, जिसका उपयोग नगर में वाहनों को चलाने के लिए किया जाएगा।
♻️ इससे वायु प्रदूषण भी कम होगा और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।

बायो सीएनजी प्लांट की मौजूदा स्थिति

📌 परियट में 2400 किलो क्षमता का प्लांट पहले से चालू है।
📌 150 टन गोबर की खपत होती है।
📌 कठौंदा में 200 टन क्षमता वाला नया प्लांट लगेगा।
📌 पीपीपी मोड पर इसे स्थापित करने की योजना।

सोलर एनर्जी प्लांट पर भी काम जारी

🌞 100 करोड़ रुपये की लागत से सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित किया जाएगा।
🌞 संभावित जगहें – नीमच, झाबुआ, मुरैना।
🌞 डीपीआर तैयार, टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

नगर निगम का बयान

👉 प्रीति यादव (नगर निगम आयुक्त) ने कहा कि ओएनजीसी और गेल के साथ मिलकर पीपीपी मोड में बायो सीएनजी प्लांट लगाने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र से मंजूरी मिल चुकी है, जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। 🚀

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