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थीमैटिक बजट का ट्रेंड: एमपी कितना आगे, कहां पिछड़ा?

MP News: इस बार मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार की ‘GYAN’ थीम (गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी) पर आधारित बजट पेश किया। भाजपा शासित अन्य राज्यों ने भी इस बार थीमैटिक बजट पेश किया, जैसे राजस्थान ने ‘ग्रीन’, यूपी ने ‘वंचित’, छत्तीसगढ़ ने ‘गति’, और उत्तराखंड ने ‘नमो’ थीम पर बजट बनाया।

एमपी का थीमैटिक बजट

मध्य प्रदेश सरकार ने ₹4,21,032 करोड़ का बजट पेश किया, जिसमें जनता को राहत देने और विकास को गति देने के लिए कई योजनाएं शामिल की गईं।

शिक्षा में एमपी की स्थिति

📚 गुजरात (₹60,000 करोड़) और महाराष्ट्र (₹83,000 करोड़) शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च कर रहे हैं।
📚 मध्य प्रदेश (₹44,846 करोड़) और राजस्थान (₹38,712 करोड़) शिक्षा बजट में पीछे रहे।
📚 एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और कौशल शिक्षा की बढ़ती मांग को देखते हुए एमपी को और निवेश करने की जरूरत है।

विकास के मिशन पर राज्यों की दौड़

🏗️ मध्य प्रदेश: 2047 तक ₹2 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य।
🏗️ राजस्थान: 2030 तक $350 बिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य।
🏗️ गुजरात: 2047 तक विकसित राज्य बनने की योजना।
🏗️ उत्तर प्रदेश: 2047 तक विकसित भारत मिशन में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी।

जनता को लुभाने वाली योजनाएं (फ्रीबिज)

💰 मध्य प्रदेश: ‘लाड़ली बहना योजना’ के लिए ₹18,669 करोड़ आवंटित।
💰 महाराष्ट्र: ‘माझी लाड़की बहिण योजना’ के लिए ₹36,000 करोड़
💰 राजस्थान: ‘लाडो प्रोत्साहन सेविंग फंड’ की सीमा ₹2 लाख तक बढ़ाई।

धार्मिक और सामाजिक योजनाओं में एमपी आगे

🙏 मध्य प्रदेश:

  • श्रीकृष्ण पाथेय योजना – ₹10 करोड़
  • राम वन पथ गमन योजना – ₹30 करोड़
  • हर जिले में गीता भवन बनाने के लिए – ₹100 करोड़

🙏 राजस्थान: पुजारियों का मानदेय बढ़ाया और धार्मिक शहरों को ग्रीन सिटी बनाने की योजना।
🙏 उत्तराखंड: चार धाम यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए ₹100 करोड़ का प्रावधान।

निष्कर्ष:

मध्य प्रदेश का बजट जनता को ध्यान में रखकर बनाया गया है, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र से पीछे है। वहीं, धार्मिक योजनाओं में एमपी ने बढ़त बना ली है।

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