वीडियो में बड़ा खुलासा
🔹 गोरखपुर के 8 बड़े अस्पतालों का नेटवर्क उजागर हुआ।
🔹 मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराने पर एंबुलेंस चालकों और एजेंट्स को मोटी रकम दी जाती है।
🔹 कई मामलों में मृत व्यक्ति का भी इलाज दिखाकर अस्पताल का बिल बढ़ाया गया।
🔹 सरकारी अस्पतालों में आए मरीजों को दलाल बहला-फुसलाकर प्राइवेट नर्सिंग होम भेज देते हैं।
कार्रवाई हुई तेज
✅ सीएमओ ने इन 8 अस्पतालों को नोटिस भेजा, 4 का लाइसेंस अस्थाई रूप से निलंबित।
✅ एक साल में 27 अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई हुई, लेकिन इस बार नामी अस्पताल भी शामिल।
✅ मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
✅ मामले में दोषी अस्पतालों और डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग।
सीएमओ की प्रतिक्रिया
गोरखपुर के सीएमओ आशुतोष दुबे ने कहा कि आरोपी अस्पतालों को 7 दिन में जवाब देने का आदेश दिया गया है। जवाब संतोषजनक न होने पर कठोर कार्रवाई होगी। एंबुलेंस चालकों और दलालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर हो रहे गोरखधंधे को उजागर करता है। जरूरतमंद मरीजों के साथ धोखाधड़ी कर उन्हें जबरन निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। इस घोटाले में शामिल डॉक्टरों और अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। 🚨