

श्रमिकों की बड़ी समस्या

भीलवाड़ा जिले के रायला क्षेत्र में 13,000 से अधिक श्रमिक काम करते हैं, लेकिन यहां ईएसआई अस्पताल नहीं है। इससे श्रमिकों को इलाज के लिए भीलवाड़ा जाना पड़ता है, जिससे समय और पैसे की बर्बादी होती है।
गंगापुर में अस्पताल, लेकिन कोई श्रमिक नहीं
पहले सरकार ने गंगापुर कॉ-ऑपरेटिव मिल के श्रमिकों के लिए ईएसआई अस्पताल खोला था, लेकिन 2017 में मिल बंद हो गई और श्रमिकों को दूसरी जगह भेज दिया गया। फिर भी वहां अस्पताल चालू है, जबकि श्रमिक ही नहीं हैं।
रायला में उद्योग बढ़े, पर अस्पताल नहीं
रायला में 15 से ज्यादा बड़ी और मध्यम औद्योगिक इकाइयां हैं, जहां ईएसआई योजना के तहत श्रमिकों का अंशदान जमा किया जाता है। इसके बावजूद यहां न तो ईएसआई अस्पताल है, न ही डिस्पेंसरी या लोकल ऑफिस।
जमीन उपलब्ध, लेकिन अस्पताल नहीं बना
ईएसआई निगम, जयपुर ने रायला में अस्पताल के लिए जमीन उपलब्ध कराई है, लेकिन अब तक अस्पताल नहीं बना। सरकार चाहें तो औद्योगिक इकाइयों के सीएसआर फंड से अस्पताल का निर्माण करवा सकती है।
गंगापुर अस्पताल को रायला शिफ्ट करने की मांग
उद्यमियों का कहना है कि गंगापुर में चालू ईएसआई अस्पताल को रायला में स्थानांतरित किया जा सकता है, जिससे हजारों श्रमिकों को फायदा मिलेगा।
वर्तमान समस्याएं
✔️ ईएसआई डिस्पेंसरी और लोकल ऑफिस भीलवाड़ा में है, जो रायला से 40 किमी दूर है।
✔️ इलाज के लिए श्रमिकों को भीलवाड़ा जाना पड़ता है, जिससे समय और पैसे की बर्बादी होती है।
✔️ उपचार के अभाव में श्रमिक निजी अस्पतालों पर निर्भर होते हैं, जिससे उनका आर्थिक बोझ बढ़ता है।
✔️ बीमा दावा, मेडिकल सर्टिफिकेट और छुट्टी मंजूरी के लिए भीलवाड़ा जाना पड़ता है।
✔️ दूरी की वजह से श्रमिक कार्यस्थल से अनुपस्थित रहते हैं, जिससे वेतन कटता है और उद्योगों की उत्पादकता पर असर पड़ता है।
श्रमिकों की मांग
श्रमिक और उद्यमी रायला में ईएसआई अस्पताल खोलने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को पत्र भी लिखा गया है।
🗣️ आर.के. जैन, महासचिव, मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स कहते हैं –
“रायला में ईएसआई अस्पताल न होने से श्रमिकों और उद्यमियों को परेशानी हो रही है। सरकार को जल्द से जल्द यहां अस्पताल खोलना चाहिए।”