डिजिटल पेमेंट से चिल्लर की परेशानी खत्म
शहर में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इससे छोटे दुकानदारों और ग्राहकों को चिल्लर और छुट्टे पैसों की दिक्कत से राहत मिल रही है। पहले बाजार में एक-दो रुपये के सिक्के मिलना मुश्किल हो गया था, जिससे दुकानों पर ग्राहक और दुकानदार दोनों परेशान रहते थे। लेकिन अब गूगल पे, फोन पे, पेटीएम जैसे यूपीआई एप्स के जरिए लोग आसानी से भुगतान कर रहे हैं और चिल्लर की समस्या खत्म हो रही है।
उधारी भी कम हो रही है
किराना व्यापारी अजय रोहड़ा बताते हैं कि डिजिटल पेमेंट से उधारी कम हो गई है और लेन-देन में पारदर्शिता आई है। पहले जो पैसा दुकान पर ही खर्च हो जाता था, अब वह सीधे बैंक खाते में जमा हो जाता है। इससे हर महीने 10 से 15 हजार रुपये की बचत हो रही है। छोटे दुकानदारों के लिए यह फायदे का सौदा साबित हुआ है।
ऑनलाइन पेमेंट से टिकट बुकिंग आसान
बस, ट्रेन और हवाई जहाज के टिकट बुक करने वाले व्यापारियों के अनुसार अब 90% लेन-देन डिजिटल हो चुका है। यात्री सफर के दौरान भी डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं, जिससे कैश रखने की जरूरत नहीं पड़ती और एटीएम से पैसे निकालने की टेंशन भी खत्म हो गई है।
बैंकों और एटीएम पर दबाव कम
डिजिटल पेमेंट की वजह से बैंक और एटीएम पर भीड़ कम हो गई है। पहले जहां लोग पैसे निकालने के लिए लंबी लाइनें लगाते थे, अब वे सीधे डिजिटल पेमेंट कर अपना काम निपटा रहे हैं। इससे समय की बचत हो रही है और बैंकिंग सिस्टम पर दबाव कम हुआ है।
युवाओं के बीच डिजिटल पेमेंट की लोकप्रियता
युवाओं में डिजिटल पेमेंट का चलन सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। उनके पास स्मार्टफोन होते हैं और वे ज्यादातर फोन पे, गूगल पे, पेटीएम जैसे एप्स से भुगतान करते हैं। इससे छोटे दुकानदारों को भी फायदा मिल रहा है क्योंकि अब युवाओं के लिए डिजिटल पेमेंट करना एक आदत बन चुका है।
निष्कर्ष
डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन से छोटे-बड़े व्यापारियों को फायदा हो रहा है। नकद लेन-देन की समस्याएं खत्म हो रही हैं, चिल्लर की दिक्कत दूर हो रही है और लेन-देन में पारदर्शिता आ रही है। समय की बचत, उधारी में कमी और व्यापार में स्थिरता के कारण डिजिटल पेमेंट आज के समय की जरूरत बन गया है। 🚀💰