कैसे काम करती है यह दुकान?
- दुकान में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है।
- लड्डू के पैकेट काउंटर पर रखे जाते हैं, जिन पर वजन और कीमत लिखी होती है।
- ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से लड्डू खरीदकर कैश बॉक्स में पैसे डालते हैं।
- अगर किसी के पास बड़े नोट हैं, तो वह खुद ही बाकी पैसे कैश बॉक्स से ले सकता है।
कैसे हुई इस सेवा की शुरुआत?
दुकान के मालिक विजय पांडे बताते हैं कि एक गरीब बच्चा एक दिन उनकी दुकान पर आया। उसका जन्मदिन था, लेकिन उसके पास लड्डू खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। तभी उन्होंने सोचा कि ऐसी एक दुकान होनी चाहिए, जहां कोई भी बिना झिझक लड्डू ले सके और जब पैसे हों, तो वापस रख जाए।
लोगों में बढ़ रही दिलचस्पी
यह दुकान शास्त्री ब्रिज के पास हनुमान मंदिर के पास स्थित है। इस अनोखी पहल को देखकर लोग बड़ी संख्या में यहां आ रहे हैं और इस ईमानदारी की दुकान की सराहना कर रहे हैं।