बिना मानकों के बने स्पीड ब्रेकर बढ़ा रहे दिक्कतें
- स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई ज्यादा होने और सही ढलान न होने से वाहन असंतुलित हो जाते हैं।
- कई वाहन चालक गिरकर घायल हो जाते हैं।
- लगातार झटकों से रीढ़ की हड्डी पर असर पड़ता है, जिससे सर्वाइकल, स्लिप डिस्क और स्पोंडिलाइटिस जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह अत्यधिक खतरनाक हो सकता है।
वाहनों को भी हो रहा नुकसान
वाहन मैकेनिकों के अनुसार, इन ऊंचे स्पीड ब्रेकरों के कारण –
- शॉक एब्जॉर्बर, क्लच प्लेट और गियर सिस्टम जल्दी खराब हो रहे हैं।
- बार-बार ब्रेक लगाने और गियर बदलने से पेट्रोल की खपत बढ़ रही है।
- गड्ढों और स्पीड ब्रेकरों से वाहनों की बॉडी को नुकसान पहुंच रहा है।
कैसे होने चाहिए सही स्पीड ब्रेकर?
विशेषज्ञों का कहना है कि स्पीड ब्रेकर ऐसे होने चाहिए –
- जिससे वाहन चालक को झटका न लगे और वह आसानी से वाहन चला सके।
- केवल रोड सेफ्टी नियमों के तहत ही स्पीड ब्रेकर बनाए जाने चाहिए।
- गली-मोहल्लों में स्पीड ब्रेकर नहीं बनाए जाने चाहिए।
स्पीड ब्रेकर के नियम क्या कहते हैं?
रोड सेफ्टी नियमों के अनुसार –
- स्पीड ब्रेकर की चौड़ाई 12 इंच और ऊंचाई अधिकतम 6 इंच होनी चाहिए।
- दोनों किनारों को शून्य डिग्री पर होना चाहिए ताकि झटका न लगे।
- ब्लैक-येलो पेंट से इन्हें रंगना चाहिए और 20 फीट पहले चेतावनी बोर्ड लगाना चाहिए।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. एस.के. सरोठिया (हड्डी रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल) ने बताया कि गलत स्पीड ब्रेकरों के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कई लोग स्पीड ब्रेकर से गिरने के कारण सिर और रीढ़ की हड्डी में चोट लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। सरकार को स्पीड ब्रेकर बनाते समय सही नियमों का पालन करना चाहिए।
अगर मानकों के खिलाफ स्पीड ब्रेकर से किसी को गंभीर चोट लगती है, तो वह कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।