लव मैरिज से क्यों अटक रहे मकान?
इन इलाकों में कई महिलाओं ने प्रेम-विवाह कर दूसरे गांव या परिवार में जाना पसंद किया। ऐसे में उनका नाम योजना के रिकॉर्ड से हट जाता है, जिससे उनके माता-पिता या पहले परिवार का पीएम आवास अटक जाता है।
- योजना के तहत ईडब्ल्यूएस (गरीब) और एलआईजी (कम आय वर्ग) श्रेणी में मकान महिला के नाम पर ही बनना जरूरी है।
- अगर महिला शादी के बाद अपने दस्तावेज साथ ले जाती है, तो परिवार सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाता।
- हालांकि एमआईजी (मध्यम आय वर्ग) श्रेणी में यह शर्त लागू नहीं होती।
बांसवाड़ा में 40,000 से ज्यादा मकान अधूरे
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले बांसवाड़ा जिले में 40,000 से अधिक पीएम आवास अधूरे हैं।
- 37,500 नए मकान स्वीकृत हुए थे, जो अब तक पूरे नहीं हुए।
- 300 मकान पिछले साल से अधूरे पड़े हैं।
- कई मामलों में महिलाएं प्रेम-विवाह के कारण घर छोड़ चुकी हैं, जिससे दस्तावेजों की गड़बड़ी हुई और मकान बन नहीं पाए।
समाधान: पंचायत की रिपोर्ट से बदल सकते हैं दस्तावेज
यदि किसी महिला ने प्रेम-विवाह कर लिया है और परिवार से रिश्ता खत्म कर लिया है, तो ग्राम पंचायत की रिपोर्ट के आधार पर दस्तावेज बदले जा सकते हैं। पंचायत समिति उसी आवेदन में नाम और जानकारी अपडेट करके परिवार को योजना का लाभ दिला सकती है।
कुछ मामलों की झलक:
📌 मामला 1:
खेड़ापाड़ा गांव की एक महिला प्रेम-विवाह कर दूसरे गांव चली गई और अपने सभी दस्तावेज ले गई। इससे उसके माता-पिता पीएम आवास, बच्चों की योजनाओं और अन्य सरकारी लाभों से वंचित रह गए।
📌 मामला 2:
घाटोल के रूपजी का खेड़ा गांव में एक महिला प्रेम-विवाह कर चली गई, जिससे उसके परिवार का पीएम आवास अटक गया। बाद में ग्राम पंचायत की रिपोर्ट के बाद पति के नाम पर मकान स्वीकृत हुआ।
📌 मामला 3:
गढ़ी क्षेत्र में एक नाबालिग के नाम से गलती से पीएम आवास स्वीकृत हो गया। जांच के बाद नाम बदलकर सही लाभार्थी को मकान का लाभ दिया गया।
मनरेगा से 24,000 रुपए तक का अतिरिक्त लाभ
- पीएम आवास योजना के तहत यदि लाभार्थी परिवार के पास मनरेगा जॉब कार्ड है, तो वे 90 दिन तक मस्टररोल भरकर 266 रुपए दिहाड़ी प्राप्त कर सकते हैं।
- इस तरह उन्हें 24,000 रुपए अतिरिक्त मिल सकते हैं, जिससे मकान बनाने में मदद होगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना क्या है?
यह योजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए है।
- ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग): आय 3 लाख रुपए तक
- एलआईजी (निम्न आय वर्ग): आय 3-6 लाख रुपए
- एमआईजी-1 (मध्यम आय वर्ग-1): आय 6-12 लाख रुपए
- एमआईजी-2 (मध्यम आय वर्ग-2): आय 12-18 लाख रुपए
सरकार का क्या कहना है?
📌 बांसवाड़ा जिला कलक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव ने कहा कि महिलाओं को योजना का लाभ देना सरकार की प्राथमिकता है। यदि प्रेम-विवाह से कोई मामला फंसता है, तो परिवार के हिसाब से समाधान निकाला जाता है।
📌 बांसवाड़ा जिला परिषद के CEO गोपाललाल स्वर्णकार ने बताया कि सरकार योजना का लाभ अधिक से अधिक गरीबों को देना चाहती है।
- हाल ही में कराए गए सर्वे में 1,45,776 पात्र लाभार्थी पाए गए।
- आगामी वर्षों में इन्हें भी पीएम आवास योजना का लाभ मिलेगा।