
राजस्थान विधानसभा में बुधवार को अवैध बजरी खनन का मुद्दा जोर-शोर से उठा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, वहीं सरकार ने पलटवार किया।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के आरोप
- प्रदेश में अवैध खनन चरम पर है, लेकिन सरकार कोई कदम नहीं उठा रही।
- सरकार कुंभकर्णी नींद में सो रही है और खुद उसके मंत्री ही इस पर सवाल उठा रहे हैं।
- भरतपुर और डीग में 413 खनन पट्टे हैं, लेकिन 312 अवैध खनन के मामले दर्ज हुए, फिर भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
- सरकार के एक मंत्री डीएसपी को अवैध खनन करने वालों को न पकड़ने की सलाह दे रहे हैं, जिससे साफ है कि खनन माफिया को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।
- राजस्थान पुलिस सहयोग नहीं कर रही, हाईकोर्ट को तक कहना पड़ा कि सीआरपीएफ की मदद ली जाए।
सरकार का पलटवार
- संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं।
- उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में खनन माफिया पूरी तरह हावी थे, पुलिस पर हमले होते थे, और अब वे हम पर सवाल उठा रहे हैं।
- “कांच के घर में रहने वाले दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते,” उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा।
कोचिंग सेंटरों पर सख्ती के लिए नया बिल
- राज्य में कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्या रोकने और कोचिंग सेंटरों पर नियंत्रण के लिए “राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल 2025” विधानसभा में पेश हुआ।
- डिप्टी सीएम और उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने इसे सदन में रखा।
- इस बिल पर मौजूदा सत्र में बहस के बाद पारित करने की योजना है।