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जयपुर में बिना बड़ा चीरा लगाए पेट से गांठ निकाली गई

जयपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल गणगौरी बाजार में एक युवती का ओवेरियन मास का सफल लेप्रोस्कोपी ऑपरेशन किया गया। यह युवती पिछले 3-4 महीने से पेट दर्द और उल्टियों से परेशान थी। उसकी अंडाशय में बनी गांठ बढ़कर लिवर तक पहुंच गई थी, जिससे उसकी आंत दब गई थी।

हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. हरजीत सिंह ने बताया कि 19 साल की मरीज हरियाणा की रहने वाली है। उसके पेट से 28 सेमी. की गांठ निकाली गई। आमतौर पर ऐसे ऑपरेशन के लिए पेट पर बड़ा चीरा लगाना पड़ता है। हॉस्पिटल के स्त्री और प्रसूति विभाग की आचार्य डॉ. मेघा अग्रवाल ने बताया कि मरीज पिछले तीन-चार महीने से पेट दर्द से परेशान थी।

ओपीडी में दिखाने के बाद और जांच में पता चला कि उसके बच्चेदानी की दाईं ओर वाले अंडाशय से निकली गांठ बढ़कर लिवर तक पहुंच गई थी। इसे बिना पेट का चीरा लगाए निकालना मुश्किल था।

एक-एक सेमी. के दो छेद करके निकाली गई गांठ

जांच के बाद मरीज का ऑपरेशन जनरल सर्जरी के सीनियर स्पेशलिस्ट डॉ. मुकेश शर्मा, डॉ. मेघा अग्रवाल और उनकी टीम डॉ. मोनिका, डॉ. प्रतिभा, डॉ. शारु और डॉ. मिनाक्षी ने किया। लेप्रोस्कोपी (दूरबीन) द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया। डॉ. मुकेश शर्मा ने बताया कि मरीज नहीं चाहती थी कि उसके पेट पर बड़ा चीरा लगे, जिससे शादी में परेशानी हो। इसे देखते हुए लेप्रोस्कोपी से ऑपरेशन किया गया।

ऑपरेशन के दौरान एक-एक सेमी. के दो छेद करके गांठ के वॉटर कंटेंट को हटाया गया। सॉलिड हिस्से को लिवर से अलग करके टुकड़ों में बाहर निकाला गया। डॉ. शर्मा ने बताया कि मरीज अब पूरी तरह ठीक है और जल्द ही उसे छुट्टी दे दी जाएगी। यह हॉस्पिटल में इतनी बड़ी गांठ निकालने का पहला ऑपरेशन है।

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