लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अग्निवीर स्कीम और संविधान बचाने के मुद्दे को बार-बार उठा रहे हैं, जबकि भाजपा नेता धर्म और समुदाय पर जोर दे रहे हैं। आयोग ने दोनों पार्टियों को धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाजी से बचने का निर्देश दिया है।
चुनाव आयोग के निर्देश
- भाजपा: प्रचार भाषणों में ऐसे बयान न दें, जिनसे समाज में विभाजन हो सकता है।
- कांग्रेस: संविधान को लेकर गलत बयानबाजी न करें और अग्निवीर योजना पर राजनीतिकरण से बचें।
पृष्ठभूमि
- 25 अप्रैल: आयोग ने हेट स्पीच के मामलों में भाजपा और कांग्रेस को नोटिस जारी किया था।
- नोटिस: लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 77 के तहत जारी किया गया था।
- जवाब: भाजपा और कांग्रेस ने नफरती भाषणों पर जवाब देने के लिए समय मांगा था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।
अन्य घटनाएँ
- आतिशी सिंह: चुनाव आयोग ने 5 अप्रैल को आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी सिंह को नोटिस जारी किया था।
- के चंद्रशेखर राव: तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिस पर भी आयोग ने नोटिस भेजा था।
- AAP कैंपेन सॉन्ग: आयोग ने AAP को अपने कैंपेन सॉन्ग में बदलाव करने को कहा है।
- शिवसेना उद्धव गुट: आयोग ने शिवसेना (उद्धव गुट) को अपने कैंपेन सॉन्ग से ‘भवानी’ शब्द हटाने का निर्देश दिया है, लेकिन उद्धव ठाकरे ने इस निर्देश का विरोध किया है।
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार में मर्यादा बनाए रखने और समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए निर्देशित किया है।