डॉ. सुनील ने बताया कि वे अंतरिक्ष में होने वाले जलवायु परिवर्तनों पर रिसर्च करेंगे। यह रिसर्च क्षेत्र वह है जहां सैटेलाइट परिक्रमा करते हैं और रेडियो सिग्नल प्रवाहित होते हैं। अंतरिक्ष में होने वाले परिवर्तनों का सीधा प्रभाव ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS), संचार नेटवर्क, अंतरिक्ष मलबे और उपग्रह संचालन पर पड़ता है। इसलिए अंतरिक्ष जलवायु का अध्ययन आवश्यक है ताकि प्रौद्योगिकी के संभावित प्रभावों की भविष्यवाणी और रोकथाम की जा सके, जिससे हमारा जीवन और समाज निर्भर है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डॉ. सुनील कुमार और उनके परिवार को बहुत-बहुत बधाई। पूरे भारत से केवल दो लोगों का चयन हुआ है, जो कि गर्व की बात है।