डीसीपी ट्रैफिक सागर राणा ने बताया कि जयपुर शहर में इस समय 35 से 40 हजार ई-रिक्शा चल रहे हैं। इन्हें परिवहन विभाग से परमिट मिला हुआ है, लेकिन उनका कोई एरिया तय नहीं था। अब इन्हें जोन वाइज परमिट दिया जाएगा। खास बात यह है कि ई-रिक्शा में क्यूआर कोड लगाया जाएगा, जिसमें ड्राइवर की पूरी जानकारी होगी। यह क्यूआर कोड आम लोगों को भी एप के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।
क्यूआर कोड में ई-रिक्शा के संचालन का रूट मैप भी होगा। अगर कोई ड्राइवर तय रूट से बाहर जाएगा तो ट्रैफिक पुलिसकर्मी क्यूआर कोड स्कैन कर कार्रवाई कर सकेंगे। यह तकनीक पहले वाराणसी में लागू की गई थी और अब राजस्थान में पहली बार जयपुर में इसे अपनाया जा रहा है। अगर यह प्लान सफल रहा तो इसे पूरे राजस्थान में लागू किया जाएगा।