रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि थर्ड एसी के बी-1 कोच के एसी पैनल में तकनीकी खामी से आग लगी थी। लोको पायलट ने तुरंत कंट्रोल को सूचना दी। आरपीएफ और रेलवे कर्मचारियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। यात्रियों को अन्य कोच में शिफ्ट कर ट्रेन को जयपुर जंक्शन लाया गया। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन कई यात्रियों का लगेज जल गया।
बुजुर्गों और बच्चों का दम घुटने लगा तो यात्रियों ने कांच तोड़ दिए। ट्रेन ने सुबह 4:22 बजे खातीपुरा स्टेशन पार किया और 4:25 बजे बी-1 कोच में टीटीआई महेश वर्मा का दम घुटने लगा। आसपास के बुजुर्ग और बच्चे खांसने लगे। एक यात्री ने लगेज से खिड़की का कांच तोड़ा, फिर बाकी यात्रियों ने भी कांच तोड़ दिए। लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी और जयपुर जंक्शन पहुंचते ही डीआरएम विकास पुरवार और स्टेशन डायरेक्टर मिहिर देव यात्रियों से मिले।
बी-1 कोच में आग लगी थी, लेकिन बी-2 कोच में भी धुआं भरने से उसे भी हटाया गया। दोनों कोच में 128 यात्री थे। जंक्शन पर केवल एक थर्ड एसी कोच था, इसलिए एक फर्स्ट एसी कोच भी लगाकर ट्रेन रवाना की गई। अजमेर मंडल को एक और थर्ड एसी कोच की व्यवस्था करने को कहा गया। इस कारण ट्रेन करीब ढाई घंटे लेट हुई।