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पायलट बोले- नीट गड़बड़ी पर सरकार कर रही लीपापोती: कहा- राजस्थान सरकार बिजली, पानी देने में नाकाम, केंद्र ने एजेंसियों का दुरुपयोग किया

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने नीट परीक्षा और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पायलट ने कहा कि नीट धांधली देश का सबसे बड़ा मुद्दा है। नीट पेपर लीक और परीक्षा विवादित होने के कारण लाखों नौजवानों को सदमा लगा है। इससे परीक्षा प्रणाली पर युवाओं का विश्वास कमजोर हुआ है। केंद्र सरकार ने शुरू में अड़ियल रवैया अपनाया था, उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी, लेकिन अब तक किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। यह लीपापोती शोभा नहीं देती है। पायलट ने बुधवार को जयपुर में अपने सरकारी बंगले पर मीडिया से बातचीत की।

लोगों में भविष्य को लेकर भ्रम

पायलट ने कहा कि लगातार लोगों में यह भ्रम फैल रहा है कि उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है। आजाद भारत के इतिहास में आज सबसे ज्यादा शिक्षित बेरोजगारी है, जिसका समाधान ढूंढने के लिए सरकार को काम करना चाहिए। सरकार ने चुनाव जीतने से पहले 100 दिन की कार्य योजना बनाई थी और ओवर कॉन्फिडेंस में काम कर रही थी। लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण नौजवान हैं, उन्हें लेकर सरकार को पूरी कार्रवाई करनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों का बचाव नहीं होना चाहिए। सरकार को अपनी गलती स्वीकार कर जनता को बताना चाहिए कि यह उनसे हुई चूक है।

युवाओं के नाम पर वोट लेकिन विश्वास डगमगाया

पायलट ने कहा कि नीट और बाकी परीक्षाओं को कैंसिल किया जाना सिस्टमैटिक फेलियर का प्रतीक है। 10 साल से सरकार सत्ता में है, भाषण देकर युवाओं के नाम पर वोट लिया, परीक्षा पर चर्चा, चाय पर चर्चा चलाई लेकिन युवाओं का विश्वास डगमगा गया है। इसे बनाए रखना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।

राजस्थान में बिजली, पानी देने में नाकाम सरकार

पायलट बोले कि राजस्थान में हालात ठीक नहीं हैं। बिजली और पानी की मूलभूत सुविधाएं देने में सरकार नाकाम रही है। कोटा में कांग्रेस ने अनुमति लेकर आंदोलन किया, जो बिजली और पानी के लिए था, लेकिन जनता को राहत देने की बजाय नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पर कार्रवाई करना गलत है। सरकार को जनता की सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिए। बिजली-पानी की सुविधा देने की जगह विपक्ष पर कार्रवाई करने से सवाल उठते हैं। राजस्थान में ऐसा माहौल पहले कभी नहीं रहा और यह नहीं होना चाहिए। सरकार के काम करने के तरीके पर सवालिया निशान लगते हैं।

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