प्रदर्शनी की प्रमुख कलाकृतियाँ
प्रदर्शनी में घरों की साज-सज्जा के लिए डेकोरेटिव पीस, सहारनपुर का वुडन फर्नीचर, खुर्जा का सेरेमिक आर्ट, जयपुर की ब्लू पॉटरी, बरेली का बीड्स वर्क, लखनऊ की चिकनकारी, बनारस की बनारसी साड़ी, बंगलौर की प्योर कांजीवरम, टीकमगढ़ का ब्रास, उड़ीसा का पट चित्र, पंजाब की फुलकारी जैसी कलाकृतियाँ शामिल हैं।
कांजीवरम साड़ियाँ
बंगलौर की मनु आत्रे 2500 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की कांजीवरम साड़ी लेकर आई हैं। वहीं, बंगलौर के आर्टिस्ट वोवोई मंडल की कांजीवरम साड़ियाँ 15 से 25 हजार रुपये की हैं।
प्रदर्शनी का अनुभव
प्रदर्शनी में शॉपिंग करने आई मीनाक्षी लाम्लौर ने बताया कि उन्हें ऑफिस और शादी-पार्टी के लिए यहाँ की साड़ियाँ बहुत पसंद आईं। यहाँ लूम की साड़ियाँ, सिल्क, कॉटन, तांत साड़ियों की अच्छी रेंज उपलब्ध है।
नई विशेषताएँ
पहली बार स्टूडियो प्रिंट में बने किचन सेट, जिसमें टी-सेट, बाउल, प्लेट, बाथरूम एक्सेसरीज़ शामिल हैं, को प्रदर्शित किया गया है। इसमें 30% जर्मन प्रिंट और 70% भारतीय प्रिंट का इस्तेमाल किया गया है।
अन्य कलाकृतियाँ
- खुर्जा का सेरेमिक आर्ट: 20 रुपये से लेकर हजारों की कीमत में बाथरूम एक्सेसरीज़, डिस्पेंसर, ब्रश होल्डर, बाउल सेट, पौधे लगाने के गमले, बास्केट, बरनी और माइक्रोवेव सेफ किचन सेट।
- भदोई की कालीन: 35 हजार से 75 हजार रुपये की कीमत पर सिल्क कालीन, जो 400 से 780 नोड्स पर बनी होती हैं और इन्हें तैयार करने में डेढ़ महीने का समय लगता है।
- खेखड़ा की कॉटन बेडशीट: खादी कॉटन में बनी बेडशीट, जो जयपुरवासियों को बहुत पसंद आ रही हैं।
- उड़ीसा का पट चित्र आर्ट: नेचुरल कलर से बनी पत्तों और सिल्क पर ट्रेडिशनल पेंटिंग, जिसमें पत्थरों से नेचुरल कलर निकाल कर चित्र बनाए जाते हैं और लकड़ी से बने भगवान जगन्नाथ को भी प्रदर्शित किया गया है।
क्राफ्ट ऑफ इंडिया प्रदर्शनी 28 जुलाई तक चलेगी और यह आर्टिजंस की कला को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।