वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो तीन दिन बाद झाड़ू छोड़कर हड़ताल करेंगे।
लॉटरी के आधार पर भर्ती का विरोध
संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने कहा कि जनवरी में डीएलबी डायरेक्टर के साथ हुए समझौते के तहत भर्ती मस्टरोल के आधार पर 1 साल के प्रैक्टिकल के बाद की जानी थी, लेकिन अब लॉटरी के आधार पर भर्ती की जा रही है, जो वाल्मीकि समाज और सफाई कर्मचारियों के साथ धोखा है।
वर्ष 2018 में भी लॉटरी से भर्ती की गई थी, जिससे वाल्मीकि समाज नाराज था। अब फिर से लॉटरी के जरिए 24,797 पद भरे जा रहे हैं, जिससे सम्पूर्ण राजस्थान का वाल्मीकि समाज आक्रोशित है।
संघ की मांगें
- भर्ती को प्रैक्टिकल आधार पर कराना
- प्रैक्टिकल का समय अधिकतम 1 साल रखना
- प्रैक्टिकल के दौरान परिश्रम का भुगतान मस्टरोल से करना
- प्रैक्टिकल में सफल अभ्यर्थी को 1 वर्ष बाद स्थाई कर्मचारी घोषित करना
- परंपरागत सफाई कार्य से जुड़े वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देना
डंडोरिया ने चेतावनी दी कि अगर मांगे नहीं मानी गईं तो तीन दिन बाद संपूर्ण राजस्थान का सफाई कर्मचारी हड़ताल करेगा।
विभाग का तर्क
विभाग का कहना है कि उच्च न्यायालय राजस्थान के आदेश के अनुसार भर्ती की जा रही है, फिर भी कर्मचारियों की मांग राज्य सरकार तक पहुंचाई जाएगी, क्योंकि विभाग अपने स्तर पर कोई फैसला नहीं ले सकता।