
टाटा ग्रुप: ग्रीन एनर्जी में बड़ा दांव

टाटा ग्रुप अब ग्रीन एनर्जी सेक्टर में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। टाटा पावर ने इस साल कैपेक्स (कैपिटल एक्सपेंडिचर) पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है, जिसमें से अधिकतर पैसा ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो में जाएगा।
हाइलाइट्स
- ग्रीन एनर्जी में बड़ा निवेश करने की तैयारी में टाटा ग्रुप।
- इस साल कैपेक्स पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना।
- इसमें से अधिकांश पैसा ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो में जाएगा।
टाटा ग्रुप की योजना
देश का सबसे बड़ा औद्योगिक घराना, टाटा ग्रुप, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। टाटा पावर ने इस वित्तीय वर्ष में कैपेक्स पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है। यह राशि पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी है। इस राशि का अधिकांश हिस्सा रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो को मजबूत करने पर खर्च किया जाएगा। कंपनी के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को शेयरहोल्डर्स की मीटिंग में यह जानकारी दी। ग्रीन एनर्जी सेक्टर में टाटा ग्रुप का मुकाबला रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी ग्रुप से होगा।
रिलायंस और अडानी का निवेश
मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में बड़े निवेश की घोषणा की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ग्रीन एनर्जी में 75 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है। अडानी ग्रुप ने 2030 तक 2.3 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। अडानी ग्रुप ने ग्रीन हाइड्रोजन बिजनेस के पहले चरण के लिए नौ अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है।
अंबानी की योजना
रिलायंस सौर ऊर्जा उत्पादन से लेकर हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और वितरण तक की पूरी हरित ऊर्जा मूल्य श्रृंखला के लिए गीगा-कारखानों का निर्माण कर रही है। अंबानी अपने विश्वस्तरीय क्रियान्वयन की क्षमता के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने रिलायंस को ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी से उपभोक्ता सेवा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी बना दिया है। गुजरात के जामनगर में धीरूभाई अंबानी हरित ऊर्जा परिसर में चार गीगा-कारखानों का निर्माण चल रहा है।