तहसीलदार अरविंद कविया ने बताया कि यह जमीन साल 2015 में एयरपोर्ट ऑथोरिटी द्वारा अवाप्त की गई थी। लेकिन जमीन के मालिक और वहां रह रहे लोगों ने इसे कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट के आदेशानुसार, जमीन का मुआवजा कोर्ट में जमा किया गया था और प्रभावित भूखंडधारियों को जेडीए से भूखंड आवंटित किए गए थे। आज इस जमीन का कब्जा एयरपोर्ट ऑथोरिटी को सौंप दिया गया।