राजस्थान में 24,000 से ज्यादा सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर सफाई कर्मचारी 23 जुलाई से हड़ताल पर हैं। इसके चलते जयपुर समेत पूरे प्रदेश में सफाई व्यवस्था बिगड़ रही है। हालात खराब होते देख, स्वायत्त शासन विभाग ने कर्मचारियों से बातचीत की कोशिश की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई।
अब विभाग ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। ‘नो वर्क नो पे’ के साथ-साथ ‘राज्य कार्य में बाधा’ का मुकदमा दर्ज करवाया जा सकता है। एक बार फिर कर्मचारियों से बातचीत की कोशिश की जाएगी, लेकिन अगर वे नहीं माने, तो सरकार सख्त कदम उठाएगी।
संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नन्दकिशोर डंडोरिया ने बताया कि वे अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं और किसी भी कार्रवाई से नहीं डरते। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे काम पर नहीं लौटेंगे। उन्होंने बताया कि भर्ती प्रकरण को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाई है और विधायक कालीचरण सर्राफ को इसका समाधान निकालने की जिम्मेदारी दी गई है।
संघ की मांगे:
- सफाई कर्मचारियों की भर्ती मस्टरोल के आधार पर हो।
- 1 साल तक काम करवाने के बाद ही नियुक्ति दी जाए।
- वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता मिले।
- पूर्व की भर्तियों में कोर्ट में विचाराधीन या निर्णय हो चुकी भर्तियों पर नियुक्ति के आदेश जारी किए जाएं।