पीएचईडी विभाग में स्टाफ की कमी
विधायक भाटी ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके इलाके में पीएचईडी विभाग में स्टाफ की कमी है, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से सीमांत क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की। कुछ दिन पहले कई लोग पानी की टंकी के सामने धरने पर बैठे थे, और 30 दिनों से पानी नहीं मिलने की शिकायत कर रहे थे।
पानी की समस्या पर गंभीरता से ध्यान देने की मांग
भाटी ने कहा कि प्रदेश में पानी की समस्या गंभीर है। एक तरफ पानी का भराव हो रहा है और दूसरी तरफ लोगों के पास पीने का पानी नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस समस्या को हल नहीं करती, तो जनता के साथ उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
पश्चिमी राजस्थान के लिए ERCP जैसी योजना
भाटी ने केंद्र और राज्य सरकार को ERCP योजना लाने के लिए धन्यवाद दिया और पश्चिमी राजस्थान के लिए भी ऐसी ही एक योजना की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने नर्मदा नहर और इंदिरा गांधी नहर परियोजनाओं के विस्तार की मांग की और बताया कि नर्मदा नहर प्रोजेक्ट 2017 में पूरा होना था, लेकिन अभी तक नहीं हुआ है।
ट्यूबवेल और हैंडपंप की जरूरत
भाटी ने बाड़मेर लिफ्ट कैनाल के माध्यम से शिव ब्लॉक और अन्य हिस्सों में पानी पहुंचाने की समस्या पर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र की भौगौलिक स्थितियों को देखते हुए, ट्यूबवेल 900-1000 फीट तक खोदे जाने चाहिए। 600 फीट तक खोद कर छोड़ देने से कोई फायदा नहीं है।
पुराने जल संसाधनों के रख-रखाव के लिए विशेष पैकेज की मांग
भाटी ने पश्चिमी राजस्थान के पुराने जल संसाधनों जैसे बेरियां, बावड़ियां आदि के रखरखाव के लिए एक विशेष पैकेज की मांग की। उन्होंने ज़ाइका प्रोजेक्ट और विभाग में स्टाफ की कमी पर भी चिंता व्यक्त की। अंत में, भाटी ने शिव के गाँव बीज़ाबल की स्थिति का जिक्र किया, जहां पिछले 30 दिनों से पानी नहीं मिला है और बुजुर्ग धरने पर बैठे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए I