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जयपुर में बना 455 किलो का घेवर: 800 किलो की कड़ाही और 1000 किलो घी में तैयार, पांच दिन में 4 बार टूटा

जयपुर में 455 किलो का विशाल घेवर बनाया गया है, जिसे बनाने में पांच दिन का समय लगा और चार बार टूटने के बाद आखिरकार पांचवे दिन बनकर तैयार हुआ। इस घेवर को बनाने के लिए 1,000 किलो घी का उपयोग किया गया। इसे नगर निगम ग्रेटर जयपुर की महापौर सौम्या गुर्जर ने तीज महोत्सव के लिए तैयार करवाया है। इस घेवर को सबसे बड़े घेवर के रिकॉर्ड के लिए भी भेजा जाएगा।

घेवर बनाने की प्रक्रिया

घेवर को लालकोठी स्थित सोढ़ानी स्वीट्स प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। इसके मालिक जौहरी लाल सोढ़ानी ने बताया कि उन्हें 20 जुलाई को ऑर्डर मिला था। सबसे बड़ा चैलेंज इतने बड़े घेवर के लिए फ्रेम और कड़ाही तैयार करना था।

कड़ाही और फ्रेम की तैयारी

घेवर बनाने के लिए 800 किलो की कड़ाही और लोहे का फ्रेम तैयार किया गया। कड़ाही को घाट गेट स्थित लुहारों के खुर्रे में तैयार किया गया और ट्रैक्टर ट्रॉली की मदद से गोदाम लाया गया। इस कड़ाही की कीमत 1.5 लाख रुपए आई।

घेवर बनाने की टीम

घेवर बनाने के लिए चार-चार हलवाइयों की टीम बनाई गई। टीम ने भट्टी तैयार की, घोल बनाया और उसे कड़ाही में डाला। घेवर को उठाने के लिए भी अलग फ्रेम तैयार किया गया, लेकिन घेवर बार-बार टूटता रहा। अंत में, फ्रेम के ऊपर 10 हुक वाले बोल्ट लगाए गए, जिससे घेवर को सफलतापूर्वक बाहर निकाला जा सका।

पांच दिन की प्रक्रिया
  1. 1 अगस्त: पहली बार घेवर बनाते समय चम्मच छोटी थी और घेवर उठाने में टूट गया।
  2. 2 अगस्त: फ्रेम और जाली की मदद से घेवर तैयार किया गया, लेकिन फिर निकालने के दौरान टूट गया।
  3. 3 अगस्त: हुक वाले बोल्ट का उपयोग किया गया, लेकिन घेवर फिर टूट गया।
  4. 4 अगस्त: घेवर कड़ाही से बाहर निकाला गया, लेकिन लकड़ी के फ्रेम पर रखते समय टूट गया।
  5. 5 अगस्त: सावधानीपूर्वक घेवर तैयार किया गया और 30 लोगों की मदद से मिनी मैजिक गाड़ी पर लोड कर अभिनंदन बैंक्वेट हॉल मानसरोवर में शिफ्ट किया गया।
मेयर का बयान

महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने बताया कि तीज महोत्सव की तैयारी बड़े स्तर पर की जा रही है और सबसे बड़े घेवर का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की जा रही है। इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की योजना है।

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