इस पूरी प्रणाली में मिसाइल, लांचर, लक्ष्य प्राप्ति उपकरण, और अग्नि नियंत्रण इकाई शामिल हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की प्रशंसा की और इसे देश की रक्षा प्रणाली में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल प्रणाली का पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में कई बार परीक्षण किया गया है। 13 अप्रैल को हुए परीक्षण में मिसाइल और वारहेड का प्रदर्शन बेहतरीन पाया गया, जिससे यह साबित हुआ कि यह प्रणाली टैंक युद्ध के लिए महत्वपूर्ण है। इस सफलता के साथ, तकनीकी विकास और प्रदर्शन का काम पूरा हो गया है।