संगीत गुरु राजीव भट्ट के निर्देशन में शहर के 60 युवा और वरिष्ठ कलाकारों ने मंच पर देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए। विशेष रूप से, भारत की कालजयी रचना ‘वंदेमातरम’ को राजीव भट्ट ने राग शंकरा, यमन और हंसध्वनि के स्वरों में पेश किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
इस रचना को 60 कलाकारों ने एक साथ मंच पर प्रस्तुत किया, जिसकी कोरियोग्राफी रेखा सैनी ने की थी। कार्यक्रम का उद्घाटन तंत्री सम्राट पं. सलिल भट्ट, राज्य के पूर्व महाधिवक्ता गिरधारी सिंह बापना और दर्शक कॉलेज ऑफ म्यूजिक एंड आर्ट्स के मानद चेयरमैन ठाकुर ध्रुव बहादुर सिंह कार्की ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम में वंदेमातरम के अलावा प्रोमिला राजीव द्वारा लिखित शीर्षक गीत ‘हम गीत वतन के गाएंगे’, ‘ऐ मेरे वतन आबाद रहे तू’, ‘मेरे वतन की धरती मेरे वतन का गगन’, ‘तेरा हिमालय आकाश छू ले’ जैसी लगभग 10 देशभक्ति रचनाओं को कलाकारों ने प्रस्तुत किया। की-बोर्ड पर अवनीश गोस्वमी, गिटार पर संजय माथुर, तबला पर सावन डांगी, ऑक्टापैड पर भवानी डांगी और ढोलक पर पवन डांगी ने संगत की।