हड़ताल की वजह से पहले ओपीडी, आईपीडी और ओटी सेवाएं प्रभावित हो रही थीं, लेकिन अब इमरजेंसी सेवाएं भी बंद हो गई हैं। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट्स डॉक्टर्स के अध्यक्ष, डॉ. मनोहर सियोल ने आज मौन व्रत रखा है। एसोसिएशन का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, हड़ताल जारी रहेगी। वे कोलकाता की घटना की कड़ी निंदा करते हैं और आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही वे राज्य सरकार से राजस्थान में रेजीडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा की भी मांग कर रहे हैं।
जयपुर के एसएमएस और अन्य बड़े अस्पतालों में सीनियर डॉक्टर ही मरीजों को दवाइयां देकर इलाज कर रहे हैं। केवल गंभीर स्थिति वाले मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है। एसएमएस अस्पताल, जनाना अस्पताल, जेके लोन, गणगौरी अस्पताल, जयपुरिया और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अन्य अस्पतालों में मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।