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राजस्थान: 30 अगस्त के बाद नए जिलों पर आ सकता है बड़ा फैसला, रिव्यू कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट

राजस्थान में गहलोत सरकार के समय बनाए गए 19 नए जिलों को लेकर सियासी गर्माहट जारी है। भजनलाल सरकार द्वारा गठित रिव्यू कमेटी 30 अगस्त के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है, जिसके आधार पर नए जिलों को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। कई विधायकों ने छोटे जिलों को पुराने जिलों में मर्ज करने का सुझाव दिया है, और कयास लगाए जा रहे हैं कि एक दर्जन जिलों का दर्जा समाप्त किया जा सकता है।

30 अगस्त को सौंप सकती है रिपोर्ट

गहलोत सरकार के पिछले बजट सत्र में 19 नए जिले बनाए जाने पर काफी सियासी हलचल मची थी। सत्ता में आने के बाद भजनलाल सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के लिए पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक रिव्यू कमेटी गठित की। यह कमेटी 30 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने की तैयारी कर रही है, जिससे सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

छोटे जिलों को पुराने जिलों में मर्ज करने का सुझाव

नए जिलों के गठन के बाद जयपुर और जोधपुर को दो-दो जिलों में बांट दिया गया था, जिससे सियासी विरोध भी देखने को मिला। रिव्यू कमेटी के गठन के बाद कई विधायकों ने सुझाव दिया है कि छोटे जिलों को फिर से पुराने जिलों में मर्ज कर दिया जाए। इस पर 30 अगस्त को रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।

एक दर्जन जिलों का दर्जा समाप्त करने के कयास

रिव्यू कमेटी की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि कई नए जिले भौगोलिक, जनसंख्या और आर्थिक दृष्टि से उपयुक्त नहीं हैं, जिससे सरकार पर राजस्व भार भी बढ़ गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट में करीब एक दर्जन जिलों का दर्जा समाप्त करने की सिफारिश की जा सकती है।

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