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नए जिलों पर भजनलाल सरकार का फैसला: गहलोत सरकार में बने 17 जिलों पर जारी रहेगा विचार

जयपुर। राजस्थान में पूर्व गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों के भविष्य पर भजनलाल सरकार जल्द फैसला ले सकती है। भजनलाल सरकार ने इन नए जिलों की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई थी, जो अपनी रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंपेगी। इसी बीच, जनगणना निदेशालय ने आदेश जारी कर जिलों की नगरपालिका और पंचायत सीमाओं में बदलाव पर रोक लगा दी है।

जनगणना जल्द होगी शुरू

कोरोना महामारी के कारण जनगणना पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब सितंबर से जनगणना फिर से शुरू होने की उम्मीद है। जनगणना पूरी होने तक राजस्थान में नए जिलों की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। यह फैसला देशभर के सभी राज्यों के लिए लागू होगा।

उप-समिति का गठन

भजनलाल सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के लिए एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया था। इसके बाद, पूर्व IAS अधिकारी ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक अन्य कमेटी भी बनाई गई, जिसे जुलाई में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। हालांकि, कमेटी ने एक महीने का अतिरिक्त समय मांगा है। रिपोर्ट के आधार पर ही यह फैसला लिया जाएगा कि गहलोत सरकार के दौरान बनाए गए जिलों को रखा जाए या उनमें कोई बदलाव किया जाए। हालांकि, राज्य सरकार ने जनगणना निदेशक को चिट्ठी लिखकर रोक हटाने का आग्रह किया है।

ललित पंवार कमेटी की रिपोर्ट

ललित पंवार की अध्यक्षता वाली कमेटी 30 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर नए जिलों का भविष्य तय किया जाएगा।

इन जिलों का होगा फैसला

भजनलाल सरकार द्वारा समीक्षा किए जा रहे जिलों में सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर शहर, खैरथल, ब्यावर, जयपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर शहर, फलौदी, डीडवाना, जोधपुर ग्रामीण और शाहपुरा शामिल हैं। इन जिलों के भविष्य का निर्णय रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा।

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