मुख्य बिंदु:
- एक स्थानीय निवासी की शंका से हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा।
- पुलिस ने कंप्यूटर जब्त किए और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
- नौकरी के झांसे में आकर लोगों ने लाखों रुपये गंवाए।
यह फर्जी शाखा सक्ती जिले के मलकहरोड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के बाद उजागर हुई। इस शाखा ने बैनर लगाकर और कर्मचारियों को नौकरी पर रखकर लोगों को धोखाधड़ी से फंसाया। यह शाखा फर्जी नौकरी के नाम पर लोगों से बड़े पैमाने पर पैसे ऐंठ रही थी।
शिकायत के अनुसार, तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं। यह मामला तब सामने आया जब दभरा के एक स्थानीय निवासी, मनोज अग्रवाल, ने एसबीआई कियोस्क शाखा खोलने के लिए आवेदन किया। जब वह चपोरा गांव स्थित कथित एसबीआई शाखा में पहुंचे, तो उन्हें शक हुआ और उन्होंने इसे दभरा शाखा के अधिकारियों को बताया। जांच में शाखा के फर्जी होने की पुष्टि हुई।
पुलिस ने मौके से कंप्यूटर सिस्टम और हार्ड ड्राइव जब्त किए। शाखा में काम करने वाले पांच लोगों को भी फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नौकरी पर रखा गया था और उन्हें झूठी ट्रेनिंग दी गई थी। सक्ती एसडीओपी, मनीष कुमार ध्रुव ने बताया कि शाखा से फर्जी सील और SBI के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय के नाम से बनाए गए फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और आरोपियों की तलाश जारी है। इस ठगी में कई लोगों से बड़ी रकम ली गई थी, जिसमें कोरबा की संगीता कंवर से 2.5 लाख रुपये, कोरबा की ही लक्ष्मी यादव से 2 लाख रुपये, कवर्धा के पिंटू मरावी से 5.8 लाख रुपये और कोरबा के परमेश्वर राठौर से 3 लाख रुपये की ठगी हुई।
पुलिस ने दो व्यक्तियों, रेखा साहू और मंधिर दास, को पैसे इकट्ठा करने में मध्यस्थ के रूप में पहचाना है।