पूजा विधि:
- सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और माता का ध्यान करें।
- पूजा के लिए साफ और शांत जगह पर आसन लगाएं।
- लाल या पीले वस्त्र पर मां चंद्रघंटा की मूर्ति स्थापित करें, क्योंकि उन्हें पीला रंग प्रिय है।
- मां को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें और विधि-विधान से पूजा करें।
- मां को दूध से बनी खीर और मिठाई का भोग लगाएं।
- पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। साथ ही मां की आरती भी करें, जिससे मां प्रसन्न होंगी और कृपा बरसाएंगी।
मां चंद्रघंटा का स्त्रोत मंत्र:
ध्यान वन्दे वाच्छित लाभाय चन्द्रर्घकृत शेखराम।
सिंहारूढा दशभुजां चन्द्रघण्टा यशंस्वनीम्।
कंचनाभां मणिपुर स्थितां तृतीयं दुर्गा त्रिनेत्राम।
खड्ग, गदा, त्रिशूल, चापशंर पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम।
मां चंद्रघंटा की पूजा के फायदे:
- दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है।
- मान-सम्मान और प्रभाव बढ़ता है।
- मां यश, कीर्ति और मोक्ष प्रदान करती हैं।
- वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
- परिवार पर आने वाले संकट टल जाते हैं, और संतान भी सुरक्षित रहती है।