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राजस्थान में भाजपा सदस्यता अभियान में OTP वेरिफिकेशन बना चुनौती, साइबर ठगी का डर

राजस्थान में भाजपा के सदस्यता अभियान में साइबर ठगी का डर सामने आ रहा है। पार्टी द्वारा फर्जी सदस्यता से बचने के लिए इस बार OTP वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया गया है, लेकिन यह प्रक्रिया लोगों को डराने लगी है। खासतौर पर भरतपुर, उदयपुर, अलवर, और बारां जैसे जिलों में लोग साइबर ठगी के डर से OTP साझा करने से बच रहे हैं।

सदस्यता अभियान की धीमी रफ्तार

भाजपा ने 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 3 सितंबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सदस्य बनाकर इस अभियान की शुरुआत की। पार्टी ने इस बार फर्जी सदस्यता से बचने के लिए OTP वेरिफिकेशन अनिवार्य किया है। मिस कॉल करने पर एक लिंक भेजा जाता है, जिसके बाद OTP वेरिफिकेशन के जरिए सदस्यता मिलती है।

हालांकि, साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के कारण लोग OTP बताने से डर रहे हैं। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं को सदस्य बनाने में काफी मुश्किलें आ रही हैं।

ऑफलाइन सदस्यता की पहल

साइबर ठगी से प्रभावित क्षेत्रों में पार्टी ने ऑफलाइन सदस्य बनाने के लिए रसीद बुक्स का इस्तेमाल शुरू किया है। भरतपुर, उदयपुर संभाग, बारां और अलवर जैसे जिलों में लोग OTP देने से बच रहे हैं, इसलिए इन क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या को ध्यान में रखते हुए ऑफलाइन विकल्प दिया गया है।

साइबर ठगी का बढ़ता डर

भाजपा सदस्यता अभियान के सह प्रभारी मोतीलाल मीणा ने बताया कि साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के कारण लोग डरे हुए हैं, जिससे सदस्यता अभियान पर असर पड़ रहा है। पार्टी ने ऐसे लोगों के लिए रसीद बुक्स की व्यवस्था की है, ताकि सदस्यता प्रक्रिया प्रभावित न हो।

ऑनलाइन प्रक्रिया बनी चुनौती

पहले भाजपा में मिस कॉल से सदस्यता मिलती थी, लेकिन इस बार OTP वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया गया है। मिस कॉल के बाद लिंक पर OTP वेरिफाई करने के बाद ही व्यक्ति सदस्य बन सकता है। दूरदराज के क्षेत्रों में लोग इस प्रक्रिया को लेकर हिचकिचा रहे हैं, जिससे अभियान की गति धीमी हो रही है।

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