टाइगर सफारी की शुरुआत
7 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नाहरगढ़ में टाइगर सफारी का उद्घाटन किया। इसके साथ ही जयपुर में अब हाथी गांव में हाथी सफारी, झालाना में लेपर्ड सफारी और नाहरगढ़ में लॉयन सफारी के बाद टाइगर सफारी की भी शुरुआत हो गई।
टाइगर सफारी में स्कंदी और भीम से मुलाकात
उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने नाहरगढ़ जैविक उद्यान में दो बाघ शावकों का नामकरण किया। मादा शावक का नाम ‘स्कंदी’ और नर शावक का नाम ‘भीम’ रखा गया। अब पर्यटक नाहरगढ़ में इन बाघों को देखने का आनंद ले सकेंगे।
विद्यार्थियों को नि:शुल्क प्रवेश
मुख्यमंत्री ने वन्यजीव सप्ताह की बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को इस दौरान बायोलॉजिकल पार्कों में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। टाइगर सफारी की शुरुआत से पर्यटन और बाघों के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
राजस्थान में 130 बाघ
मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान में लगभग 130 बाघ हैं। राज्य सरकार ने बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कई कदम उठाए हैं। जयपुर में दो नए पार्क भी विकसित किए गए हैं – जीरोता में नगर वन और नेवटा के पास बायोडायवर्सिटी पार्क।
7 किलोमीटर का सफारी ट्रैक
टाइगर सफारी 30 हेक्टेयर में फैली है और इसमें 7 किलोमीटर लंबा सफारी ट्रैक बनाया गया है। सफारी में पर्यटक प्राकृतिक वातावरण में बाघों को देख सकेंगे। नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य 5,240 हेक्टेयर में फैला है और इसका जैविक उद्यान 720 हेक्टेयर में विकसित किया गया है, जहां पहले से ही लॉयन सफारी उपलब्ध है।