बैठक में दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सीएमओ में राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि पटवारी, गिरदावर और नायब तहसीलदार जैसे अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व संबंधी मामलों का एक निश्चित समय में निस्तारण होना चाहिए।
सख्त कार्रवाई के निर्देश
सीएम ने पूर्ववर्ती सरकार के समय में नियम विरुद्ध जमीन आवंटन के मामलों पर सख्त कार्रवाई करने का भी आदेश दिया। इसके अलावा, पर्यटन और एग्रो प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट के लिए निःशुल्क ऑनलाइन डीम्ड कन्वर्जन के नियम बनाने के निर्देश दिए, ताकि कन्वर्जन छूट का दुरुपयोग न हो सके।
भूमि आवंटन के लिए RALAMS पोर्टल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 9 से 11 दिसंबर, 2024 को जयपुर में ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ का आयोजन करने जा रही है। इसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों को RALAMS पोर्टल पर बड़े भू-भागों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि निवेशक आसानी से उद्योग स्थापित कर सकें।
समय में कमी और नवाचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवेदकों को त्वरित सुविधा देने के लिए नामांतरण और राजस्व भूमि कन्वर्जन पोर्टल को संचालित किया जा रहा है। 1 अप्रैल 2024 से भू-संपरिवर्तन के मामलों का निस्तारण समय 16 दिन होगा, जो पहले 35 दिन था।
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग सूचना तकनीक का इस्तेमाल कर किसानों को सुविधाएं प्रदान कर रहा है। किसानों द्वारा एग्रीस्टेक ऐप के माध्यम से स्वयं गिरदावरी की जा रही है, जिसमें 2024 के खरीफ वर्ष की 83.75 प्रतिशत गिरदावरी पूरी हो चुकी है।
बैठक में शामिल लोग
इस बैठक में राजस्व मंत्री हेमन्त मीणा, राज्य मंत्री विजय सिंह, और अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे।