क्यों मनाया जाता है शोक?
- दंतकथाओं के अनुसार, रावण की पत्नी मंदोदरी मंडोर की राजकुमारी थी।
- यहां रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था।
- इसलिए मंडोर में रहने वाले लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं।
- रावण के वंशज होने का दावा करने वाले लोग दशहरे के दिन रावण के दहन के दौरान शोक मनाते हैं।
जोधपुर में रावण का मंदिर
- जोधपुर में अमरनाथ महादेव मंदिर प्रांगण में रावण का मंदिर बना हुआ है।
- दशहरे के दिन यहां रावण की पूजा की जाती है।
- रावण के वंशज होने का दावा करने वाले लोग यहां आकर रावण को श्रद्धांजलि देते हैं।
एक अनोखी परंपरा
- यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
- यह दिखाता है कि धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं कितनी जटिल और दिलचस्प हो सकती हैं।
क्या आप जानते हैं?
- मंडोर कभी मारवाड़ की राजधानी हुआ करता था।
- जोधपुर शहर की स्थापना मंडोर के बाद हुई थी।
यह खबर दिखाती है कि हमारे देश में धर्म और संस्कृति कितनी विविधतापूर्ण है।