‘समर्थ’ सतह और पानी के नीचे दोनों लक्ष्यों पर काम करने में सक्षम होगा और मानव रहित और चालक रहित मिशनों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। यह भारतीय नौसेना की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रतीक है।
प्रीडेटर ड्रोन की मंजूरी:
हाल ही में सुरक्षा कैबिनेट समिति ने 31 प्रीडेटर ड्रोन की मंजूरी दी है, जिनमें से 16 ड्रोन भूमि पर और 15 नौसेना के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। ये ड्रोन क्षेत्र की निगरानी में मदद करेंगे और समुद्री सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
भारत में 63 नए जहाजों का निर्माण:
नौसेना प्रमुख ने जानकारी दी कि भारतीय शिपयार्डों में 63 जहाजों का निर्माण हो रहा है, जिसमें कई निजी कंपनियां भी शामिल हैं। भारतीय नौसेना 2047 तक आत्मनिर्भर बन जाएगी और सभी प्लेटफार्म भारत में ही बनाए जाएंगे।
पनडुब्बी निर्माण योजना:
1999 में शुरू की गई 30 साल की पनडुब्बी निर्माण योजना के तहत, इस साल छह पनडुब्बियां नौसेना को मिलेंगी। सरकार ने पनडुब्बियों की संख्या बढ़ाकर 18 करने का लक्ष्य रखा है।
चीन और पाकिस्तान पर नजर:
नौसेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान को चीन से मिल रहे हथियारों और उपकरणों पर नजर रखी जा रही है। वहीं, चीन अब दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बन गया है, जिसे भारतीय नौसेना लगातार मॉनिटर कर रही है।