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वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे 2024: यूएनओ ने लिया था फैसला

वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे हर साल 15 अक्टूबर को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। पहली बार इसे 2010 में संयुक्त राष्ट्र संगठन (UNO) द्वारा घोषित किया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य शिक्षा को प्रोत्साहित करना और छात्रों को प्रेरित करना है। डॉ. कलाम, जो एक महान वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे, हमेशा छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उनके योगदान और छात्रों के प्रति उनके विशेष लगाव को देखते हुए UNO ने 2010 में उनके 79वें जन्मदिन को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और छात्रों के प्रति उनका योगदान: डॉ. कलाम ने अपने पूरे जीवन में छात्रों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना था कि युवा शक्ति ही देश की असली ताकत है और छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन दिया जाए, तो वे राष्ट्र के भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। डॉ. कलाम ने कई बार कहा, “छात्र ही देश की असली संपत्ति हैं और उन्हें सही मार्गदर्शन मिलना आवश्यक है।”

वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे की थीम: हर साल वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे एक नई थीम के साथ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान, नवाचार और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में छात्रों को प्रोत्साहित करना होता है। इस दिन को छात्रों के विकास और शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे का महत्व: यह दिन छात्रों के संघर्ष, कड़ी मेहनत और उनके सपनों को साकार करने के लिए मनाया जाता है। डॉ. कलाम ने हमेशा छात्रों से बड़े सपने देखने और उन्हें हासिल करने की प्रेरणा दी। उनकी शिक्षाएं और दृष्टिकोण आज भी छात्रों को सफलता की ओर अग्रसर करती हैं। वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे का आयोजन छात्रों को उनकी क्षमताओं पर विश्वास दिलाने और शिक्षा के महत्व को उजागर करने के लिए किया जाता है।

इस दिन को खास तौर पर स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षिक संस्थानों में मनाया जाता है, जहाँ छात्रों के लिए विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।

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